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फ़ेसबुक में चिपके रहने का एक और ठोस बहाना!
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अब तो चिपकने का बहाना भी मिल गया।
उत्तर देंहटाएंबाजार में रहने का एक नया उपाय,ग्राहक जाना नहीं जाना चाहिए.प्रतियोगिता का समय है.
उत्तर देंहटाएंई-पण्डित की साइट खुल क्यों नहीं रही है ?
उत्तर देंहटाएंकोई अस्थायी समस्या मालूम होती है, अब खुल रही है। शायद केबल कटने से छायी भारतव्यापी समस्या का ही कुछ असर पड़ा हो।
हटाएंभाई, ईपण्डित का सही लिंक यहाँ लिख दीजिये। आपके प्रोफाइल पर मिलते जुलते नामों की लंबी लिस्ट दिखती है, जिसमें कई ब्लोगस क्लिक करने पर बिना किसी पोस्ट के पाता हूं और फिर हर लिंक को क्लिक करने का धैर्य न होने के कारण खाली हाथ लौट आता हूं।
हटाएंयह बात सही है. शायद ईपण्डित ने अपने मिलते जुलते नामों से कोई अन्य बंदा ब्लॉग न बना ले इसलिए उन्हें पंजीकृत कर रखा है. बहरहाल, उनका ताजा लिंक शायद यह है -
हटाएंhttp://epandit.shrish.in/
आभार! वैसे किसी कारणवश वह पेज भी लोड नहीं हो पा रहा है।
हटाएंएक बार फिर से आपका आभार ऐसे ही जानकारियॉ देते रहिये धन्यकवाद
उत्तर देंहटाएंअब आपकी ऑखों के इशारे पर चलेगा आपका कम्यूटर
हार्डडिस्क में स्टोर होगा 1 अरब जी0बी0 डाटा
इसी प्रकार के कुछ अन्य रोचक लेखों को पढने तथा कुछ नया जानने के लिये अभी क्लिक कीजिये
nice one post sir i like it :)
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