यदि यह सरकारी पोस्ट होती, और इसके लिए टेंडर से पढ़ने का हिसाब होता, तो यकीनन यह लाख रुपए से कम का पोस्ट नहीं होता. वह भी मान्य कानूनी, विधि...
यदि यह सरकारी पोस्ट होती, और इसके लिए टेंडर से पढ़ने का हिसाब होता, तो यकीनन यह लाख रुपए से कम का पोस्ट नहीं होता. वह भी मान्य कानूनी, विधिक और कार्यालयीन प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत, ताकि ऑडिट में किसी तरह के पेंच और फंसने फंसाने की कोई गुंजाइश न रहे.
निविदा तंत्र (टेंडर सिस्टम) ने देश का इतना नुकसान किया है ( और, उतना ही भला भ्रष्ट - अफसरों, व्यापारियों, नेताओं का) जितना किसी और ने नहीं.
--
व्यंज़ल
--
कहाँ कहाँ तो नहीं हैं निविदाएँ
रिश्तों में भी घुसी हैं निविदाएँ
मुहब्बत में होना था असफल
नकार दी तमाम हैं निविदाएँ
शीर्ष पर बैठे लोगों ने बताया
सीढ़ियाँ ही होती हैं निविदाएँ
सीखना होगा सबको यह खेल
जीवन में जरूरी हैं निविदाएँ
बेचने चला है देश अपना रवि
हम भी निकालते हैं निविदाएँ
Bahut badia
जवाब देंहटाएं