बीएसएनएल ने 7 सितम्बर 2015 को बड़े हो हल्ले के साथ डिजिटल इंडिया कैम्पेन के तहत अपने सभी ब्रॉडबैण्ड कनेक्शनों को न्यूनतम 2 एमबीपीएस करने की ...
बीएसएनएल ने 7 सितम्बर 2015 को बड़े हो हल्ले के साथ डिजिटल इंडिया कैम्पेन के तहत अपने सभी ब्रॉडबैण्ड कनेक्शनों को न्यूनतम 2 एमबीपीएस करने की घोषणा की थी. ध्यान दीजिए, 7 सितम्बर 2015 को.
पता नहीं कितनों का ब्रॉडबैण्ड 512 केबीपीएस से 2 एमबीपीएस हुआ या कितनों का नहीं, मगर इसके सरकारी पोर्टल पर मामला अभी भी 512 केबीपीएस पर ही अटका है. नीचे का चित्र देखें -
और, जैसा कि चित्र में दिया गया है - अप टू 2 एमबीपीएस टिल 1 जीबी (यानी कैपिंग??) , 512 बीयांड - तो इसका सीधा सा अर्थ है - जनता को मूर्ख बनाना. यदि ब्रॉडबैंड की न्यूनतम स्पीड 2 एमबीपीएस मान रहे हैं, और कैपिंग (आप देखेंगे कि कैपिंग तो मूर्खता भरा, बहुत कम 1 जीबी है) है, तो इस न्यूनतम 2 एमबीपीएस स्पीड का कोई अर्थ ही नहीं है. और, बीयांड 1 जीबी आप 512 भी क्यों दे रहे हो, 56 केबीपीएस ही देकर एहसान कर देते, क्योंकि आपने तो पूरी दुनिया में घोषणा कर दी है कि हम ब्रॉडबैंड न्यूनतम 2 एमबीपीएस दे रहे हैं!
जाहिर है, 7 सितम्बर की घोषणा केवल लफ़्फ़ाजी या जुमला ही थी. यदि न्यूनतम स्पीड 2 एमबीपीएस मान रहे हैं तो इस स्पीड पर ट्रू अनलिमिटेड कनेक्शन दें, तभी यह सही मायनों में न्यूनतम 2 एमबीपीएस होगा, अन्यथा यह चालाक नेता-अफसरों का मासूम जनता को बेवकूफ बनाने वाला काम ही है।
और, यदि यह प्लान साइट, 7 सितम्बर की घोषणा के बाद भी नए रेट से अपडेट नहीं हुई है, तब तो यह और भी अक्षम्य है!
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