कुछ अरसा पहले मेरे एक मित्र के घर में चोरी हो गई थी जब वे सप्ताहांत की छुट्टियाँ मनाने बाहर गए थे. और सबसे बड़ी बात, चोरों ने ऐसा हाथ मार...
कुछ अरसा पहले मेरे एक मित्र के घर में चोरी हो गई थी जब वे सप्ताहांत की छुट्टियाँ मनाने बाहर गए थे. और सबसे बड़ी बात, चोरों ने ऐसा हाथ मारा कि अड़ोस-पड़ोस में किसी को भी कानोंकान खबर नहीं हुई. चोरी का पता तब चला जब मित्र अपनी छुट्टियाँ मना कर वापस घर आए, और घर के भीतर का हाल जाना. और, जाहिर है, तमाम प्रयासों के बावजूद, न चोर पकड़ में आए और न उनका चोरी गया सामान मिला. यदि वे मेरी तरह, सुरक्षा के लिहाज से अपने घर में भी वाईफ़ाई सर्विलांस कैमरा लगाए हुए होते तो संभवतः यह नौबत नहीं आती. जैसे ही चोर उनके घर में घुसते, उनके स्मार्टमोबाइल में अलर्ट आ जाता, चोरों के वीडियो/फोटो खिंच जाते, और वे तुरंत अपने घर में अलार्म बजा देते, अपने पड़ोसियों को अलर्ट कर देते कि उनके घर में अनधिकृत लोग घुस आए हैं और बहुत संभव है कि यह हादसा टल जाता. और यदि चोरी होती भी तो चोरों के वीडियो व फ़ोटो की वजह से चोर पकड़ में आ जाते.
अकसर हमारा परिवार भी यात्रा पर रहता है और मकान सूना हो जाता है. यद्यपि आज के जमाने में जब बैंक लॉकर्स और एटीएम जैसी सुविधाएँ हैं, तो चोरों को हमारे घरों से नकदी व सोना-चाँदी जैसी चीजें अब जरा कम मिलती हैं, मगर चोर तो फिर चोर होते हैं – वे हमारे महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर भी हाथ साफ कर सकते हैं – हमारा लैपटॉप और पीसी उड़ा कर ले जा सकते हैं – जिसमें हमारा बहुमूल्य डेटा होता है. इसलिए अपने घर को सुरक्षित रखना और भी जरूरी है. आज के हाई-टैक, स्मार्ट-टेक्नोलॉजी के जमाने में अपने घरों को सुरक्षित रखने के लिए हर तरह के, सस्ते सुंदर और टिकाऊ किस्म के विकल्प उपलब्ध हैं. जब आप शॉपिंग को जाते हैं तो अकसर आपने दुकानों में कई स्थानों पर सर्विलांस कैमरे और एक सेंट्रल डिस्प्ले/रेकॉर्डर उपकरण लगे देखे होंगे जिसके जरिए दुकान के कोने-कोने पर सुरक्षा कर्मी अपनी नजर रखते हैं. इसी तरह के उपकरणों को यदि वाई-फ़ाई / राउटर के जरिए इंटरनेट से जुड़ने की क्षमता प्रदान कर दी जाए, तो दुनिया में कहीं भी रह कर उस स्थान पर नजर रखी जा सकती है. मैंने भी अपने घर को सुरक्षित बनाने के लिए ठीक यही किया है.
वाई-फ़ाई सर्विलांस कैमरा – अपने घर की सुरक्षा को दें एक अतिरिक्त घेरा
भले ही आप अपने घर को पेंटागन के ओवल ऑफ़िस की तरह सुरक्षित, अभेद्य न बना पाएँ, और उसकी जरूरत भी नहीं है, अपने घर को सुरक्षा का अतिरिक्त घेरा तो आप दे ही सकते हैं. आजकल वैसे भी पति-पत्नी दोनों ही नौकरी/व्यवसाय के सिलसिले में घर से बाहर रहते हैं और घर या तो सूना रहता है या फिर घर में बुजुर्ग या बच्चे ही रहते हैं. ऐसे में खतरा हमेशा बना रहता है, और घर की चिंता बनी रहती है. वाई-फ़ाई सर्विलांस कैमरा महज कुछ हजार रुपयों में ही आता है और इसे लगाकर आप मन में निश्चिंतता ला सकते हैं. एक साधारण वाई-फ़ाई सर्विलांस कैमरे से आपको निम्न सुविधाएँ मिल सकती हैं –
· इसमें सेंसर लगा होता है जो कमरे में किसी तरह की आवाज या किसी तरह की चहलकदमी को पहचान लेता है और आपको कई तरह से – जैसे कि ईमेल से अलर्ट भेज सकता है.
· इसमें नाइट विजन की भी सुविधा होती है जिससे घुप्प अंधेरे में भी यह काम करता है और इसके इन्फ़्रारेड कैमरे से आपको चित्र / वीडियो मिल सकते हैं.
· यह कैमरा आपको इंटरनेट के जरिए आपके आईफ़ोन/आईपैड/एंड्रायड/ब्लैकबेरी मोबाइल तथा कंप्यूटर/लैपटॉप पर दुनिया के किसी भी कोने में अलर्ट भेज सकता है, और आप दुनिया के किसी भी कोने से, किसी भी समय अपने घर को इन उपकरणों पर लाइव देख सकते हैं.
· इनका सेटअप बेहद आसान है और एक बार स्थापित कर लेने के बाद, इंटरनेट पैक के अलावा कोई अतिरिक्त नियमित खर्च नहीं है.
· कुछ खास किस्म के वाई-फ़ाई सर्विलांस कैमरों में विशिष्ट किस्म की सुविधाएँ भी होती हैं – जैसे कि रिमोट टिल्ट और ज़ूम जिससे दूर स्थान से भी आप कैमरे को कंट्रोल कर सकते हैं. यदि आपके छोटे बच्चे हैं तो विशिष्ट बेबी सर्विलांस वाई-फ़ाई कैमरा कैमरा लगा सकते हैं जो सुरक्षा के अतिरिक्त बेबी-केयर का भी काम करता है. इसके अंतर्निर्मित माइक्रोफ़ोन और स्पीकर की सहायता से आप अपने स्मार्टफ़ोन या कंप्यूटर से दूर रहकर भी बच्चे से दो-तरफा वार्तालाप कर सकते हैं, यह आपके बच्चों के रोने, कमरे के तापक्रम आदि को सेंस कर आपको अलर्ट कर सकता है, मौका पड़ने पर यह आपके बच्चे को लोरी भी सुना सकता है.
स्मार्टफ़ोन की सुरक्षा, स्मार्ट तरीके से –
आपने अपने घर की सुरक्षा चाक-चौबंद तरीके से कर ली है. आप अपने स्मार्टफ़ोन से हर-हमेशा अपने घर पर नजर रख सकते हैं और इस तरह आप अपने घर की सुरक्षा के प्रति निश्चिंत हैं. ठीक है. परंतु यदि आपका स्मार्टफ़ोन ही गुम गया, चोरी हो गया तो?
एक अदद स्मार्टफ़ोन को आजकल की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल किया जा सकता है. फ़ीचरफोन बनना बंद हो गए हैं और जमाना अब स्मार्टफ़ोनों का ही है. हम अकसर ही मित्रों रिश्तेदारों से सुनते रहते हैं कि उनका स्मार्टफ़ोन कहीं गुम हो गया या चोरी हो गया. महंगे स्मार्टफ़ोनों पर चोरों-पॉकेटमारों की खास निगाह रहती है. स्मार्टफ़ोन खो जाने पर संपर्क जानकारी तथा अन्य निजी डेटा गुम हो जाने का गम भले ही उतना न हो पर सबसे बड़ा खतरा उसमें निहित जानकारी व डेटा के गलत हाथों में पड़ जाने और उनका गलत उपयोग होने का होता है. सवाल यह है कि स्मार्टफ़ोन की सुरक्षा आखिर कैसे की जाए?
आप अपने स्मार्टफ़ोन के गुमने या चोरी हो जाने को भले ही शत-प्रतिशत न रोक पाएँ, परंतु कुछ उपाय अपना कर उसे अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान कर सकते हैं, तथा उसमें मौजूद जानकारियों व डेटा को परिपूर्ण तरीके से सुरक्षित रख सकते हैं. आजकल के स्मार्टफ़ोनों/टैबलेटों का उपयोग सरकारी व कार्पोरेट सेक्टरों में भी कार्यालयीन व व्यवसाय संबंधी कार्यों के लिए धड़ल्ले से हो रहा है जिसमें गोपनीय जानकारियाँ भी होती हैं, अतः इन जानकारियों की पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम इन स्मार्टफ़ोनों में भी होने लगे हैं. निम्न तरीके अपना कर आप अपने स्मार्टफ़ोन को कुछ आधारभूत किस्म की सुरक्षा तो दे ही सकते हैं. और उन्नत सुरक्षा के लिए विशिष्ट ऐप्प अथवा सुरक्षा वेबसाइटों की सहायता भी ले सकते हैं.
· अपने स्मार्टफ़ोन की स्क्रीन हमेशा लॉक कर रखें – अच्छा हो यदि डिफ़ॉल्ट स्वचालित लॉक का विकल्प एनेबल रहने दिया जाए, हाँ लॉक करने के लिए कंपनी की डिफ़ॉल्ट लॉक सुविधा का उपयोग न करें, बल्कि कस्टमाइज़ कर उसमें दिए गए उन्नत सुविधाओं का उपयोग करें. उदाहरण के लिए, यदि आपके स्मार्टफ़ोन में लॉक पैटर्न अथवा विशिष्ट टैप की सुविधा है, तो पिन नंबर या पासवर्ड के बजाए, उसका उपयोग करें और जटिल पैटर्न बनाकर उपयोग करें. इससे भले ही आपको नित्य के प्रयोग में थोड़ी असुविधा महसूस होगी, मगर सुरक्षा अधिक मिलेगी. नवीन, उन्नत स्मार्टफ़ोनों में सुरक्षा के लिए उपलब्ध फिंगरप्रिंट स्कैनर की सुविधा का उपयोग करें जो कि और भी अधिक प्रभावी होती है.
· अपने स्मार्टफ़ोन के डेटा व संपर्क जानकारी का बैकअप नियमित लें और अपने खाते से सिंक करते रहें. आमतौर पर आजकल हर स्मार्टफ़ोन के साथ आपको पर्याप्त क्लाउड स्टोरेज उपलब्ध होता है जिसका उपयोग आप कर सकते हैं.
· अपने स्मार्टफ़ोन को नियमित रूप से अपडेट करते रहें. अच्छा हो यदि अपडेट को स्वचालित होने दें. इससे आपके स्मार्टफ़ोन का सॉफ़्टवेयर हमेशा ताजा बना रहेगा और बग तथा सुरक्षा खामियाँ नियमित तौर पर दूर की जाती रहेंगी.
· जब उपयोग में नहीं हों तो ब्लूटूथ और वाईफ़ाई बंद कर रखें. इससे सुरक्षा तो मिलेगी ही, बैटरी भी अधिक चलेगी. असुरक्षित सार्वजनिक वाईफ़ाई का उपयोग यथासंभव न करें.
· अपने स्मार्टफ़ोन को एक और अतिरिक्त सुरक्षा घेरा प्रदान करने के लिए इंटरनेट से फाइंड माई फ़ोन (आईओएस- एप्पल) डिवाइस प्रबंधक (एंड्रायड) / एंटी-थैफ़्ट जैसी सुविधा का उपयोग करें. विंडोज, आईफ़ोन ब्लैकबेरी तथा एंड्रायड – सभी अच्छे प्रचलित प्लैटफ़ॉर्म के स्मार्टफ़ोनों में यह सुविधा आजकल मूलभूत रूप में उपलब्ध होती है. जिसे एनेबल करना होता है. उदाहरण के लिए, अपने एंड्रायड स्मार्टफ़ोन की सुरक्षा सेटिंग में जाकर डिवाइस प्रबंधक के जरिए इन सेटिंग को एनेबल करें – 1 – इस डिवाइस का दूरस्थ रूप में पता लगाएँ, 2 – दूरस्थ रूप से लॉक करने और मिटाने दें. इन सेटिंग को एनेबल करने के बाद यदि आपका स्मार्टफ़ोन कहीं गुम हो जाता है या खो जाता है तो आप अपने कंप्यूटर से गूगल मैप्स जैसी सुविधा की मदद से अपने स्मार्टफ़ोन का सटीक लोकेशन ट्रैस कर सकते हैं. हाँ, इस सुविधा के लिए अपने स्मार्टफ़ोन में लोकेशन सुविधा – जीपीएस - को भी एनेबल कर रखना होगा. साथ ही, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप अपने स्मार्टफ़ोन को खो चुके हैं और उसके वापस मिलने की संभावना न के बराबर है तो आप उसे अपने कंप्यूटर से डिवाइस प्रबंधक के जरिए, रिमोट से ही लॉक कर सकते हैं और साथ ही उसके भीतर का पूरा डेटा डिलीट भी कर सकते हैं, और इस तरह आप अपने डेटा को गलत हाथों में जाने से बचा सकते हैं. बहुत सी मोबाइल सुरक्षा सॉफ़्टवेयरों में भी इस तरह की तथा और भी तमाम सुविधाएं मिलती हैं, जिन्हें अतिरिक्त सुरक्षा के लिए ऐप्प स्टोर से खरीद कर इंस्टाल किया जा सकता है.
· आजकल के सभी स्मार्टफ़ोनों में तमाम तरह की सुविधाओं का भंडार होता है. ये सुविधाएँ हमें ऐप्प के जरिए मिलती हैं. स्मार्टफ़ोन ऐप्प का संसार कुछ ऐसा हो चुका है कि आभासी तौर पर हर क्रिया और कर्म के लिए बाजार में कोई न कोई ऐप्प जरूर मौजूद है, और यदि नहीं है तो थोड़े समय बाद कोई न कोई ऐसा ऐप्प आ ही जाएगा. विंडोज, आईओएस, एंड्रायड, ब्लैकबेरी - हर प्लेटफ़ॉर्म पर लाखों की संख्या में ऐप्प मौजूद हैं, और दिनों दिन इनमें वृद्धि भी होती जा रही है. बहुत से ऐप्प आपके स्मार्टफ़ोन की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकते हैं. अतः देख समझ कर जरूरी ऐप्प ही इंस्टाल करें और, कंपनी के भरोसेमंद ऐप्प स्टोर / साइट से ही ऐप्प इंस्टाल करें. यदि आपने अपने स्मार्टफ़ोन में गैर जरूरी ऐप्प भर रखे हैं तो उन्हें अनइंस्टाल कर लें.
· उच्च स्तर की सुरक्षा पाने के लिए नवीन, उन्नत स्मार्टफ़ोनों में मौजूद डेटा इन्क्रिप्शन की सुविधा का भी प्रयोग कर सकते हैं. इस विधि से आपके स्मार्टफ़ोन में जो भी डेटा संग्रहित होगा, वो एनक्रिप्टेड होगा और जब तक उसकी कुंजी तृतीय पक्ष के पास नहीं होगी, वह उसे देख भी नहीं पाएगा.
· स्मार्टफ़ोन की चोरी या उसे गुमने से रोकने के लिए क्या आप उसे अपने गले के पट्टे में टाँग कर घूमते हैं? यदि हाँ, तो आप कुछ दूसरे, कम हास्यास्पद उपाय भी आजमा सकते हैं. आपका मोबाइल फ़ोन सदैव आपके पास रहे और आपसे थोड़ा दूर होती ही अलार्म बजा दे तो कितना अच्छा हो? हाँ, यह संभव है. कीरिंग के आकार के वाईफ़ाई प्रॉक्सिमिटी फ़ॉब और टैग के जरिए यह संभव है. जब आप बार जाएं तो इन्हें चालू कर लें, और निश्चिंत हो जाएं. जब भी आपका स्मार्टफ़ोन आपसे एक फुट से अधिक दूर होने लगेगा, आपके कीरिंग में लगा फॉब अलार्म बजा देगा.
(कादम्बिनी जून 2015 अंक में पूर्व प्रकाशित)
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