आप कहेंगे कि ये मैं क्या और क्यों कह रहा हूँ. तो यह केवल मैं नहीं कह रहा हूँ. बल्कि तमाम दुनिया के लोग, तमाम प्लेटफ़ॉर्म के लोग कहने लगे है...
आप कहेंगे कि ये मैं क्या और क्यों कह रहा हूँ.
तो यह केवल मैं नहीं कह रहा हूँ. बल्कि तमाम दुनिया के लोग, तमाम प्लेटफ़ॉर्म के लोग कहने लगे हैं और कह रहे हैं. और, अप्रत्याशित स्थानों से भी कह रहे हैं.
यह नया उदाहरण लें -
आज मैंने अपने नोटपैड++ का नया अपडेट इंस्टाल किया.
अपडेट इंस्टाल होने के बाद जब इस प्रोग्राम को चलाया तो हैरान रह गया.
इसमें एक न्यू पेज का विंडो अपने आप खुल गया और एक मैक्रो से अपने आप टाइप होने लगा -
Freedom of expression is like the air we breathe, we don't feel it, until people take it away from us.
For this reason, Je suis Charlie, not because I endorse everything they published, but because I cherish the right to speak out freely without risk even when it offends others.
And no, you cannot just take someone's life for whatever he/she expressed.
Hence this "Je suis Charlie" edition.
- #JeSuisCharlie
नीचे स्क्रीनशॉट देखें -
प्रकटतः आतंकवादियों द्वारा शार्ली ऐब्दो पर किया हमला बड़ा बूमरैंग साबित हो चुका है. 70 हजार प्रतियों के सर्कुलेशन वाले अखबार का विक्रय आंकड़ा 70 लाख से पार कर गया और कई भाषाओं में इसके अनुवाद निकल गए. और, "मैं भी शार्ली हूँ" की गूंज नोटपैड++ जैसे प्रोग्रामों के भीतर भी पहुंच गई.
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