आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 84

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  आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 405 वायदा करना और निभाना एक नवविव...

 

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आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ

संकलन – सुनील हांडा

अनुवाद – परितोष मालवीयरवि-रतलामी

405

वायदा करना और निभाना

एक नवविवाहित जोड़ा विवाह करने के तुरंत बाद अपने प्रोफेसर के पास आशीर्वाद लेने पहुँचा।

प्रोफेसर ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा - "सुखी भव!"

लड़के ने आश्चर्यचकित होते हुए पूछा - "महोदय, कोई व्यक्ति शादी करके सुखी कैसे हो सकता है?"

प्रोफसर ने उत्तर दिया - "यह एक राज की बात है। ध्यान से सुनो! पहली बात यह है कि तुम अपनी पत्नी से किए गए सभी वायदों को पूरा करो। और दूसरी बात यह कि कभी वायदा मत करो।"

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406

भाग्य और नियति

अपनी नियति के बारे में शिकायत रखने वाली एक महिला को उत्तर देते हुए स्वामी जी बोले - "सिर्फ तुम ही अपनी नियति को बना सकती हो, कोई और नहीं।"

महिला ने शिकायती लहजे में कहा - "लेकिन एक स्त्री के रूप में जन्म लेने के लिए तो मैं जिम्मेदार नहीं हूं?"

स्वामीजी ने उत्तर दिया - "स्त्री के रूप में जन्म लेना तेरी नियति नहीं है। यह तेरा भाग्य है। नियति तो यह है कि तुम अपने स्त्रीत्व को किस तरह ग्रहण करती हो और क्या बनती हो।"

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1 45

समस्या की समझ

एक शेर जाल में फांस लिया गया और उसे कैद कर लिया गया. बाद में उसे एक कंसनट्रेशन कैंप में छोड़ दिया गया जहाँ उसकी तरह कई शेर कैद थे.

उस शेर ने देखा कि वहाँ रह रहे शेर आपस में झगड़ा करते. खाने के हिस्से के लिए, अपने क्षेत्र के लिए तथा ऐसे ही अन्य छोटी छोटी बातों के लिए. कुछ ऊंघते रहते तो कुछ यहाँ से वहाँ बेमतलब चक्कर काटते रहते. बाड़े से कोई निकल नहीं पाता था क्योंकि बाड़ा खतरनाक, ऊँचा और पहुँच से दूर था.

परंतु एक शेर सबसे दूर अलग थलग रहता, शांत. ध्यान से बाड़े को व आसपास की चीजों को देखता. नव आगंतुक शेर उसके पास पहुँचा और उस अलग रहने वाले शेर से पूछा – तुम एकदम अलग थलग क्यों रहते हो?

“मैं लंबे समय से इस बाड़े से निकलने में आने वाली समस्याओं को समझने की कोशिश कर रहा था, और मैं आज उसमें कामयाब हो गया हूं” उस शेर ने नवागंतुक शेर को बताया.

और अगले दिन नवागंतुक शेर ने पाया कि वह शेर बाड़े में नहीं है.

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146

तीर निशाने पर

एक बार एक राजा अपने मंत्री के साथ शिकार पर गया.

वे दिन भर भटकते रहे मगर कोई शिकार हाथ नहीं आया.

जब वे थक हार कर शाम के समय वापस आ रहे थे तो खूबसूरत डूबते सूरज के दृश्य के बीच एक सुंदर हिरन शावक उन्हें दिखाई दिया.

राजा ने देर नहीं की. धनुष पर तीर चढ़ाया, निशाना लगाया और बाण चला दिया.

तीर हिरन के पास से गुजर कर पेड़ के तने में धंस गया. हिरन चौकन्ना हुआ और कुलांचे भरता हुआ आँखों से ओझल हो गया.

मंत्री ने राजा के निशाने की तारीफ कुछ यूँ की “बहुत खूब! वाह! क्या निशाना मारा है. बेहतरीन!”

राजा नाराज हो गया. बोला – “बेवकूफ, तुम मेरी तारीफ कर रहे हो या मेरा मजाक उड़ा रहे हो?”

“नहीं, राजन. मैं आपका मजाक उड़ाने की जुर्रत कैसे कर सकता हूँ भला? आपने सचमुच तीर निशाने पर ही मारा है. आप चाहते थे कि यह सुंदर हिरन शावक चौकन्ना रहे और इस तरह किसी शिकारी के जद में न रहे इसीलिए आपने उसे होशियार करने को तीर चलाया जो उसे छूता हुआ पेड़ पर जा धंसा” मंत्री ने खुलासा किया.

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(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)

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