हिं दी दिवस पर ट्विटर हिंदी के जारी होने बाबत जानकारी पहले से ही बहुत से हिंदी समाचार पत्रों के समाचार विभाग को प्रेषित की गई थी, ताकि इसे प...
हिंदी दिवस पर ट्विटर हिंदी के जारी होने बाबत जानकारी पहले से ही बहुत से हिंदी समाचार पत्रों के समाचार विभाग को प्रेषित की गई थी, ताकि इसे प्रमुखता से न सही, एक कॉलम सेंटीमीटर की खबर के रूप में तो छापेंगे ही. हिंदी दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय प्लेटफ़ॉर्म पर हिंदी की एक अतिरिक्त सुविधा मिलने की खबर क्या हिंदी अखबारों के लिए खबर नहीं है? कम से कम मुझे तो किसी भी हिंदी अखबार में ये खबर देखने को नहीं मिली. जबकि उस दिन पेज भर भर कर हिंदी की रूदालियों को सजाया संवारा गया था!
परंतु टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने अखबार में इसे बढ़िया कवर किया है. कतरन नीचे देखें -
धन्यवाद टाइम्स ऑफ इंडिया.
परंतु टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने अखबार में इसे बढ़िया कवर किया है. कतरन नीचे देखें -
धन्यवाद टाइम्स ऑफ इंडिया.
हर एक जगह जहाँ हिन्दी नहीं पहुची है, वहाँ पहुचने का उत्सव मने।
जवाब देंहटाएंउन्होंने कहीं इस लिए तो नहीं छापा कि मजाक उड़ाया जाय। मेरी बात का सही अर्थ लगाएंगे, इसकी उम्मीद कर रहा हूँ।
जवाब देंहटाएंहिन्दी को अहिन्दियों से नहीं, हिन्दी भाषियों से ही सर्वाधिक खतरा है। हिन्दी को अब अहिन्दीभाषियों का ही आसरा है।
जवाब देंहटाएंईमेल से प्राप्त प्रसिद्ध व्यंग्यकार यशवंत कोठारी जी की टिप्पणी -
जवाब देंहटाएंप्रिय भाई, मेने भी आपके इस समाचार को कई पत्रों में भेजा मगर किसी ने भी घास नहीं डाली क्या कार सक्से ह़े, सादर.yk
सर, हिंदी अखबारों ने तो हिंदी दिवस को भी संपादकीय में देना बंद कर दिया है मामूली खबरें उनके िए क्या अहमियत रखती हैं।
जवाब देंहटाएंवैसे हिंदुस्तान, लखनऊ और जनसंदेश टाइम्स में दिखी थी।
जवाब देंहटाएंपर यह खबर अपने काम की नहीं। यहां लम्बी लम्बी पोस्ट लिखने के आदी लोगों का ट्विटर श्विटर से कहां भला होना है।
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मायावी मामा?
रूमानी जज्बों का सागर..
यही तो विरोधाभास है। हिंदी फिल्मो के नायक/नायिकाएं..जब अंग्रेजी में ही बात करती दिखते/दिखती हैं तो भी कोफ्त होता है। जो हिंदी में बोल सकते हैं, हिंदी की ही कमाई खाते हैं वे भी हिंदी से परहेज करते हैं। हिंदी अखबारों द्वारा इस खबर को स्थान न देना भी वैसे ही शर्मनाक है।
जवाब देंहटाएंlekin hindi me likhane ka vikalp bhi hai kya?
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