यह है कल (14 सितंबर हिंदी दिवस) के अखबारों में जोर शोर से दिए गए विज्ञापन की कटिंग - यह तो था भोपाल के हिंदी भवन का हाल. आपके अपने शहरों ...
यह है कल (14 सितंबर हिंदी दिवस) के अखबारों में जोर शोर से दिए गए विज्ञापन की कटिंग -
यह तो था भोपाल के हिंदी भवन का हाल. आपके अपने शहरों के हिंदी/तमिल/गुजराती/मराठी इत्यादि-इत्यादि भवनों के क्या हाल हैं?
ये तो अंग्रेजी के छींटे नही, बौछारें हमारे आंगन में , eye opner है अंग्रेजीदां, हिन्दीदानों के लिए
जवाब देंहटाएंअच्छी लास्वीर लगायी शास्त्री जी, हमारे दोगलेपन क चित्रांकन करती हुई!
जय हो,भारत भाग्य विधाता।
जवाब देंहटाएंआगे-आगे देखिए होता है क्या।
जवाब देंहटाएंसदुपयोग कह दें :)
जवाब देंहटाएंविज्ञापन हिंदी में है..
जवाब देंहटाएंचलो शुक्र है की लिखाई में तो हिंदी का प्रयोग किया है !
जवाब देंहटाएंअपने यंहा कोइ हाल नहीं है इसलिए हाल का हाल नहीं बता पाएंगे | चित्र रोचक लगा |
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