मरफ़ी के नियम - 2

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. मरफ़ी के घरेलू नियम • किसी बच्चे द्वारा घरेलू कार्य में दिए जाने वाले सहयोग हेतु उसकी उत्सुकता उसकी उस कार्य को करने की क्षमता के व्युत्क्...

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मरफ़ी के घरेलू नियम

• किसी बच्चे द्वारा घरेलू कार्य में दिए जाने वाले सहयोग हेतु उसकी उत्सुकता उसकी उस कार्य को करने की क्षमता के व्युत्क्रमानुपाती होती है.

• उपलब्ध बर्तनों में रख लेने के बाद भी एक अतिरिक्त बर्तन लायक बासी भोजन बच रहता है.


• नई नई साफ की गई खिड़की गंदी खिड़की से दो-गुना ज्यादा गति से धूल पकड़ती है.

• घर पर बाल प्वाइंट पेन की उपलब्धता उसकी अत्यंत आवश्यकता के व्युत्क्रमानुपाती होती है.

• जो कबाड़ा आपका एक गैराज भर सकता है, उतना ही कबाड़ा आपके दो गैराज को भरा हुआ होता है.

• तीन बच्चे + दो बिस्किट = लड़ाई

• संकट की संभावना, उपलब्ध टीवी रिमोट कंट्रोल भाजित दर्शकों की संख्या के व्युत्क्रमानुपाती होती है.

• आपके घर के खुले हुए दरवाजे-खिड़कियों की संख्या बाहरी तापक्रम के उलटे अनुपात में होती है.

• किसी भी वाटर हीटर की क्षमता डेढ़ बच्चे के नहा लेने लायक भर होती है.

• जो ऊपर जाता है, वह नीचे आता ही है - सिवाय बबल गम तथा अध खाए भोजन के.

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मरफ़ी के कंप्यूटरी नियम

• कोई भी चलता हुआ प्रोग्राम अप्रचलित (ऑब्सलीट) होता है.

• दिया गया कोई भी प्रोग्राम जब भी चलाया जाता है तो प्रत्येक बार पिछले बार से ज्यादा समय व रुपया खाता है.

• यदि कोई प्रोग्राम उपयोगी होता है तो फिर अंततः उसे बदला ही जाता है.

• यदि कोई प्रोग्राम अनुपयोगी होता है तो उसे दस्तावेज़ीकृत किया जाना आवश्यक होता है.

• कोई भी दिया गया प्रोग्राम उपलब्ध मेमोरी को पूरी तरह घेर लेता है.

• किसी प्रोग्राम का मूल्य उसके आउटपुट के भार के व्युत्क्रमानुपाती होता है.

• किसी प्रोग्राम की पेचीदगी उसको मेंटेन करने वाले प्रोग्रामर की क्षमता से आगे तक बढ़ती जाती है.

• हर महत्वपूर्ण प्रोग्राम में कम से कम एक बग तो होता ही है.
उपप्रमेय 1 - किसी प्रोग्राम की तुच्छता के लिए पर्याप्त शर्त यह होती है कि उसमें कोई बग नहीं होता है.
उपप्रमेय 2 - जब प्रोग्राम का लेखक संस्था को छोड़ता है तो प्रोग्राम में कम से कम एक बग तो दिखाई दे ही जाता है.

• किसी प्रोग्राम के एक हिस्से में बग अवश्य दिखाई देता है जब उस प्रोग्राम के असंबद्ध हिस्से में कुछ परिवर्धन किया जाता है.
सूक्ष्म बग विशाल क्षति करते हैं व बड़ी समस्याएँ पैदा करते हैं.

• कोई ‘डिबग्ड' प्रोग्राम जो कि क्रैश हो जाता है, भंडार उपकरणों से स्रोत फ़ाइलों को भी तब मिटा देता है जब बैकअप उपलब्ध नहीं होता है.

• हार्यवेयर की असफलता तंत्र सॉफ़्टवेयर को क्रैश करती है और सेवा-प्रदाता इंजीनियर सॉफ़्टवेयर प्रोग्रामर को दोष देता है.

• तंत्र सॉफ़्टवेयर क्रैश से हार्डवेयर फेल होने पर प्रोग्रामर सेवा-प्रदाता इंजीनियर को दोष देते हैं.

• ढूंढी नहीं जा सकी त्रुटियाँ असंख्य किस्म की होती हैं, जबकि ढूंढी जा चुकी त्रुटियाँ, परिभाषानुसार सीमित मात्रा में होती हैं.

• पहले से ही विलंबित हो चुके किसी सॉफ़्टवेयर परियोजना में अतिरिक्त प्रोग्रामरों को शामिल करने पर परियोजना में और भी विलंब होता है.

• यदि आप यह संभव बना दें कि प्रोग्रामर हिन्दी में प्रोग्रामिंग कर सकें, तो आप पाएंगे कि प्रोग्रामर हिन्दी नहीं लिख सकते.

• मानक सॉफ़्टवेयर मॉड्यूलों के दस्तावेज़ीकृत इंटरफ़ेसेस में अ-दस्तावेज़ीकृत विशिष्टताएँ होती हैं.

• हार्डवेयर असफलता की संभावना ग्राहक सेवा इंजीनियर के उपलब्ध स्थान की दूरी के सीधे अनुपात में होती है.
उपप्रमेय- हार्डवेयर असफलता के स्वयमेव ठीक हो जाने की संभावना ग्राहक सेवा इंजीनियर के उपलब्ध स्थान की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है.

• कार्यशील प्रोग्राम वे होते हैं जिनमें तब तक ढूंढे नहीं जा सके बग होते हैं.

• दिए गए समय में आपके पास चाहे जितने भी कंप्यूटर रिसोर्सेस होते हैं, आपके लिए वे कभी भी पर्याप्त नहीं होते हैं.

• किसी भी बढ़िया प्रोग्राम के लिए आपके पास उपलब्ध मेमोरी से ज्यादा आवश्यक होता है.

• अंततः जब आप अपने कम्प्यूटर के लिए पर्याप्त मेमोरी खरीद लेते हैं तो पाते हैं कि आपके डिस्क में पर्याप्त जगह नहीं है.

• डिस्क तो हमेशा ही पूरे भरे होते हैं. और अधिक डिस्क जगह के लिए प्रयास करना तो निरर्थक ही होता है. डाटा की फितरत है कि वह किसी भी खाली जगह को भरने के लिए फैल ही जाता है.

• यदि कोई प्रोग्राम मेमोरी में वास्तविक रूप में फिट हो जाता है तथा डिस्क में समा जाता है तो फिर इस बात की गारंटी हो जाती है कि वह प्रोग्राम क्रैश होगा ही.

• यदि ऐसा कोई प्रोग्राम क्रैश नहीं हुआ है, तो यह मानकर चलिए कि वह क्रैश करने के लिए किसी बढ़िया समय के इंतजार में है.

• चाहे आप जितनी भी बढ़िया खरीदारी कर लें, जब आप कोई कम्प्यूटर सामग्री खरीदते हैं तो पाते हैं कि ठीक उसके बाद ही भावों में भारी कमी हो गई.

• आपके कंप्यूटर के सभी अवयव अप्रचलित (ऑब्सलीट) हैं.

• जिस गति से कंप्यूटरों के अवयव अप्रचलित होते हैं वह गति उस अवयव की कीमत के सीधे अनुपात में होती है.

• सॉफ़्टवेयर बगों को उपयोक्ता के अलावा अन्य किसी के द्वारा खोजा जाना आमतौर पर संभव नहीं होता.

• ग्राहक सेवा इंजीनियर के द्वारा आपके जैसा विचित्र उपयोक्ता या आपके पास उपलब्ध विचित्र तंत्र पहले कभी देखा नहीं गया होता है.

• यह स्वयंसिद्ध है कि जो कल-पुर्जे आवश्यक होते हैं वे स्टाक में नहीं होते तथा उनका उत्पादन बन्द कर दिया गया होता है.

• कोई भी वीडियो डिस्प्ले यूनिट, चाहे वह कितना ही कीमती क्यों न हो, स्वयं जलकर पचास पैसे के फ़्यूज एलिमेंट को खराब होने से बचा लेता है.

• किसी उपकरण में यदि गारंटी में अर्थवायर का जिक्र होगा तो उपकरण के पावर केबल में सिर्फ दो पिन होंगे.

• यदि किसी सर्किट (सुधारने या बनाने) में n अवयवों की आवश्यकता होगी तो स्थानीय स्टॉक में n-1 अवयव ही उपलब्ध होते हैं.

• कोई उपकरण तब तक असफल नहीं होता जब तक कि वह फाइनल इंसपेक्शन पास नहीं कर लेता.

• कोड जनरेटर प्रोग्राम ऐसे कोड जनरेट करता है जिसमें प्रोग्राम से ज्यादा बग होते हैं.

• किसी वर्कबेन्च से कोई पुरजा उसके महत्व के समानुपाती, पहुंच से दूर जाकर गिरता है.

• आप चाहे जितना भी ईमानदार, श्रमसाध्य काम कर लें, आपका बॉस तभी प्रकट होता है जब आप इंटनरेट पर चैट कर रहे होते हैं.

• हार्ड ड्राइव तभी क्रैश होते हैं जब आप उसमें से जरूरी जानकारी बैकअप नहीं किए हुए होते हैं.

• कंप्यूटर त्रुटियाँ पैदा नहीं किया करते - उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है.

COMMENTS

BLOGGER: 4
  1. "आप चाहे जितना भी ईमानदार, श्रमसाध्य काम कर लें, आपका बॉस तभी प्रकट होता है जब आप इंटनरेट पर चैट कर रहे होते हैं."

    ब्लागिंग पर भी यह उसी तरह लागू नियम है.
    :)
    बहुत बढ़िया..
    -समीर लाल

    जवाब देंहटाएं
  2. मर्फ़ी बहुत आशावादी था

    जवाब देंहटाएं
  3. aapke aur aapke boss ki mitrata aapke company main bache time ki inversly proportional hai.

    Duniya ki sabse desirable mahila aapke HR main hi kaam karegi aur totally unavailable hogi

    जवाब देंहटाएं
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छींटे और बौछारें: मरफ़ी के नियम - 2
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